एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को बुरा भला कह दिया पर जब बाद में उसे अपनी गलती हुआ तो वो संत के पास गया. उसने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा।
संत ने किसान इकठ्ठा करो, उन्हें शहर के बीच जाकर रख दो. किसान ने ऐसे ही किया फिर संत के पास पहुंच गया. तब संत ने कहा अब जाओ उन पंख तो इकठ्ठा कर वापस ले आओ. किसान वापस गया पर तब तक सरे पंख इधर उधर उड़ चुके थे और हाथ संत के पास पंहुचा। तब संत ने किसान से कहा ठीक ऐसे ही तुम्हारे द्वारा कहे गए शब्द के साथ ही ऐसे ही होता है. तुम आसानी से इन्हे अपने मुख से निकाल तो सकते हो, पर चाह कर भी वापस नहीं ले सकते. इस कहानी से हमें मिली कि कुछ कड़वा बोलने से पहले ये याद रखे कि भल बुरा कहने के बाद कुछ भी कर के अपने शब्द वापस नहीं लिए जा सकते. हाँ आप उस व्यक्ति से माफ़ी ज़रूर मांग सकते हैं. किसी को बुरा बोलते है तो वो आप को ज़यादा hurt इसलिए बेहतर है की आप चुप रहें।
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